Tiger Attack: रणथंभौर टाइगर रिजर्व में क्यों आक्रामक हो रहे बाघ? एक माह में दो की ले ली जान; जानें क्या है वजह
सार
राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों का आक्रामक रवैया एक गंभीर समस्या बन गया है। रविवार को रेंज ऑफिसर देवेंद्र चौधरी पर बाघ ने हमला कर उनकी जान ले ली, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। यह घटना एक महीने के भीतर दूसरी है, जब बाघ ने इंसान की जान ली है। बाघों की आबादी के लिहाज से राजस्थान की सबसे बड़ी टाइगर सेंचुरी में बाघों का रवैया इस समय बेहद ही खूंखार बना हुआ है। बाघों चिढ़ चिढ़े और आक्रामक स्वभाव के कारण दहशत का माहौल बना हुआ है। आज रविवार को एक बार फिर टाइगर रिजर्व से ऐसी ही दुखद खबर सामने आई। इस बार खूंखार बाघ ने रेंज ऑफिसर पर ही हमला कर उनकी जान ले ली। बाघ ऑफिसर को जंगल में खींच ले गया। बीते बुधवार को भी रणथंभौर में युवा बाघ के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। एक महीने ये दूसरी घटना है, जब बाघ ने दो लोगों की जान ले ली। बाघ की दहशत से वनकर्मी ही नहीं आसपास के इलाकाई लोग भी खौफजदा हैं। कुछ दिन पहले भी पेरीफेरी इलाके बाघ की चहलकदमी ने लोगों को परेशान कर दिया था। बाघ का मूवमेंट करीब एक घंटे तक इसी क्षेत्र में बना रहा।जानकारी के अनुसार रविवार को रेंज ऑफिसर देवेंद्र चौधरी पर टाइगर ने हमला कर उनकी जान ले ली। टाइगर ने जोगी महल गेट के पास ऑफिसर देवेंद्र पर हमला किया। उन्हें मुंह में दबाकर जंगल की तरफ ले गया। इस दौरान वन कर्मियों ने टाइगर का पीछा किया, लेकिन ऑफिसर की जान नहीं बचा पाए। काफी देर तक टाइगर उनकी बॉडी पर बैठा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टाइगर करीब 20 मिनट तक देवेंद्र के शरीर के पास ही बैठा रहा।
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Tiger Attack: रणथंभौर टाइगर रिजर्व में क्यों आक्रामक हो रहे बाघ? एक माह में दो की ले ली जान; जानें क्या है वजह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सवाई माधोपुर Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Sun, 11 May 2025 08:31 PM IST
सार
राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों का आक्रामक रवैया एक गंभीर समस्या बन गया है। रविवार को रेंज ऑफिसर देवेंद्र चौधरी पर बाघ ने हमला कर उनकी जान ले ली, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। यह घटना एक महीने के भीतर दूसरी है, जब बाघ ने इंसान की जान ली है।
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Tiger Attack: Why did the tigers suddenly become so angry in Ranthambore Tiger Reserve?1 of 5
रणथंभौर टाइगर रिजर्व आक्राम हुए बाघ। - फोटो : AI
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बाघों की आबादी के लिहाज से राजस्थान की सबसे बड़ी टाइगर सेंचुरी में बाघों का रवैया इस समय बेहद ही खूंखार बना हुआ है। बाघों चिढ़ चिढ़े और आक्रामक स्वभाव के कारण दहशत का माहौल बना हुआ है। आज रविवार को एक बार फिर टाइगर रिजर्व से ऐसी ही दुखद खबर सामने आई। इस बार खूंखार बाघ ने रेंज ऑफिसर पर ही हमला कर उनकी जान ले ली। बाघ ऑफिसर को जंगल में खींच ले गया। बीते बुधवार को भी रणथंभौर में युवा बाघ के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। एक महीने ये दूसरी घटना है, जब बाघ ने दो लोगों की जान ले ली। बाघ की दहशत से वनकर्मी ही नहीं आसपास के इलाकाई लोग भी खौफजदा हैं। कुछ दिन पहले भी पेरीफेरी इलाके बाघ की चहलकदमी ने लोगों को परेशान कर दिया था। बाघ का मूवमेंट करीब एक घंटे तक इसी क्षेत्र में बना रहा।
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रणथंभौर टाइगर रिजर्व आक्राम हुए बाघ। - फोटो : AI
जानकारी के अनुसार रविवार को रेंज ऑफिसर देवेंद्र चौधरी पर टाइगर ने हमला कर उनकी जान ले ली। टाइगर ने जोगी महल गेट के पास ऑफिसर देवेंद्र पर हमला किया। उन्हें मुंह में दबाकर जंगल की तरफ ले गया। इस दौरान वन कर्मियों ने टाइगर का पीछा किया, लेकिन ऑफिसर की जान नहीं बचा पाए। काफी देर तक टाइगर उनकी बॉडी पर बैठा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टाइगर करीब 20 मिनट तक देवेंद्र के शरीर के पास ही बैठा रहा।
ये भी पढ़ें- Ranthambore Tiger Reserve: रेंज ऑफिसर को ही खींच ले गया बाघ, वन कर्मियों ने पीछा किया लेकिन नहीं बचा पाए जान
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रणथंभौर टाइगर रिजर्व आक्राम हुए बाघ। - फोटो : AI
अब RTR की ये है तैयारी
बता दें बाघ के हमले में मासूम की मौत के बाद ही बाघों की शिफ्टिंग की तैयारी की योजना बनाई जाने लगी थी। इस प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने से पहले ही आज ये दूसरी दर्दनाक घटना सामने आ गई, जिसमें रेंज ऑफिसर की मौत हो गई। इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद पर्यटकों और बाघों का आमना-सामना नहीं होगा। यदि रणथंभौर टाइगर रिजर्व (आरटीआर) अथॉरिटी का प्रस्ताव मंजूर कर लिया जाता है तो रणथंभौर के बाघों की शिफ्टिंग टाइगर रिजर्व के ऐसे एरिया में की जाएगी, जहां टाइगर सफारी के लिए वाहन नहीं ले जाए जाते। यानी रणथंभौर में अब टाइगर सफारी में टाइगर नहीं दिखेगा।
इस समय गुस्सैल हो जाते हैं बाघ
पूर्व आईएफएस सुनयन शर्मा का कहना है कि गर्मी के मौसम में तापमान ज्यादा रहने की वजह से बाघ ज्यादा गुस्सैल हो जाते हैं। वहीं यहां मंदिर में आने वाले लोगों की भीड़ से वे और ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाते हैं और इस तरह के हमले का कारण बनते हैं।